उदयपुर के टाउनहॉल में चल रही सात दिवसीय ऋषभ कथा में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। भक्त भगवान ऋषभदेव के जीवन प्रसंगों को जीवंत देख रहे हैं। इसी कड़ी में हुई आरती के दौरान भक्तों का उत्साह देखते ही बनता रहा, सभी भावविभोर होकर झूम उठे।
राष्ट्रसंत आचार्य पुलक सागर के सान्निध्य में आयोजित इस कथा में एक विराट कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया, जो देर रात तक चला। कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ऋषभदेव से आए सूत्रधार कवि बलवंत बल्लू ने ‘नाभिराय माता मरुदेवी तुझको इस धरती का हे प्रणाम…’ जैसी पंक्तियों से सभी को भावुक कर दिया।
जबलपुर के कवि सूरज राय सूरज और कोटा से आए डॉ. आदित्य जैन ने देशभक्ति से ओत-प्रोत अपनी रचनाएं सुनाकर माहौल में देशभक्ति की लहर दौड़ा दी। वहीं, बांसवाड़ा की रोहिणी पंड्या के काव्य पाठ के बाद पूरे पंडाल में ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज उठे। हास्य रस के कवि सुनील व्यास ने श्रोताओं को खूब हंसाया तो मुंबई के गीतकार चंदन राय ने प्रेम के गीतों से दिल जीत लिया।
इस कथा में भरत चक्रवर्ती दरबार, दिग्विजय यात्रा, ऋषभ कुमार की दीक्षा जैसे प्रसंगों का मंचन किया गया। साथ ही भरत-बाहुबली युद्ध का मंचन और गरबा नृत्य का आयोजन भी हुआ। कथा में माता-पिता की भूमिका निभाने वाले समाजजनों ने भी इस उत्सव में खूब उत्साह दिखाया।