Rajasthan Cough Syrup Deaths: Four Children Die, Minister Claims Medicine Cleared in Investigation

राजस्थान में खांसी की सिरप पीने के बाद चार बच्चों की मौत की खबरें सामने आ रही हैं। इनमें से दो बच्चे भरतपुर के, एक चूरू और एक सीकर का है। हालांकि, चिकित्सा विभाग अभी तक इन मौतों का कारण सिरप को नहीं मान रहा है।

चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई थी, लेकिन जांच में कुछ खास सामने नहीं आया। अब दोबारा एक नई कमेटी जांच करेगी।

पहला मामला भरतपुर के मलाह गांव का है। ज्योति नाम की एक महिला ने बताया कि उनके दो साल के बेटे सम्राट, चार साल की बेटी साक्षी और भांजे विराट को खांसी-जुकाम था। 18 सितंबर को उप-स्वास्थ्य केंद्र से मिली सिरप पीने के बाद तीनों बच्चे करीब पांच घंटे तक सोते रहे। जब वे नहीं उठे तो पता चला कि तीनों बेहोश हैं। साक्षी और विराट तो होश में आ गए, लेकिन सम्राट नहीं उठा। उसे भरतपुर और फिर जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ 22 सितंबर को उसकी मौत हो गई।

दूसरा मामला भरतपुर के वैर इलाके का है। निहाल सिंह के दो साल के बेटे तीर्थराज को खांसी की शिकायत थी। सरकारी अस्पताल से मिली सिरप पीने के बाद वह चार घंटे तक सोता रहा और फिर नहीं उठा। उसे भी जनाना अस्पताल और फिर जेके लोन ले जाया गया, जहाँ 27 सितंबर को उसकी मौत हो गई।

तीसरी मौत सीकर के खोरी ब्राह्मणान गांव में पांच साल के नितियांश शर्मा की हुई। परिवार का दावा है कि सरकारी निशुल्क दवा योजना की कफ सिरप पीने से ही उसकी मौत हुई।

चौथा मामला चूरू के छह साल के अनस का है। उसे खांसी-जुकाम होने पर सिरप दी गई थी। बाद में उसे दिमागी बुखार हुआ और 4 अक्टूबर को जेके लोन अस्पताल में उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि मौत का कारण वही सिरप है।

इन घटनाओं के बाद से राजस्थान के कई इलाकों में सरकारी अस्पतालों से मिलने वाली खांसी की सिरप को लेकर लोगों में डर है। सरकार ने जाँच के आदेश दिए हैं और संदिग्ध कंपनी की 19 दवाओं पर रोक लगा दी है।

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