राशन कार्ड सत्यापन के दौरान खाद्य विभाग को एक बड़ी अनियमितता का पता चला है। विभाग को 10 हजार से भी ज़्यादा ऐसे राशन कार्ड मिले हैं जो नियमों के विरुद्ध बनाए गए थे। जांच में पता चला कि इन कार्डधारकों ने जीएसटी और आयकर रिटर्न भी दाखिल किया है और कई के पास एक से अधिक कार्ड हैं।
पुख्ता सबूत मिलने के बाद इन सभी राशन कार्डों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और उन्हें ऑनलाइन ब्लॉक किया जा रहा है। अगर किसी को अपना कार्ड ब्लॉक होने पर आपत्ति है, तो वह राशन दुकानदार या खाद्य विभाग के कार्यालय में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
पूरे राज्य में ऐसे 62 हजार 813 फर्जी राशन कार्ड चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से सिर्फ राजधानी रायपुर में ही 10,361 कार्ड हैं। जिले में 640 ऐसे लोग हैं जो जीएसटी रिटर्न दाखिल करते हैं, लेकिन उन्होंने बीपीएल का राशन कार्ड भी बनवा रखा है। आधार, पैन और राशन कार्ड को लिंक करने के बाद ही इन सभी की पहचान हो पाई है।
कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने इस मामले में सख़्त रुख अपनाते हुए कहा है कि जांच के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा के मुताबिक, हजारों की संख्या में ऐसे एपीएल राशन कार्ड भी मिले हैं जिनके ज़रिए पिछले तीन साल से अनाज लिया जा रहा था। इन सभी से गलत तरीके से लिया गया राशन का पूरा पैसा वसूला जाएगा।
यह समस्या सिर्फ एक जिले तक सीमित नहीं है। खाद्य विभाग के मुताबिक, बिलासपुर जिले में 6074, दुर्ग में 6339, सरगुजा में 2586 और बस्तर जिले में 1185 समेत पूरे राज्य के लगभग हर जिले से फर्जी राशन कार्ड सामने आए हैं। इन सभी को ब्लॉक किया जा रहा है। विभाग ने सभी लोगों से अपील की है कि वे 30 सितंबर तक अपने राशन कार्ड की केवाईसी प्रक्रिया जरूर पूरी कर लें।