Himachal Congress Leader Labels Party High Command as “Deadwood” Amid Organizational Discontent

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को लेकर एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। पिछले 11 महीनों से पार्टी का हाईकमान प्रदेश में नया अध्यक्ष और संगठन तक नहीं बना पाया है। इस देरी को लेकर पार्टी के बड़े नेता सीधे तौर पर दिल्ली की कमान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विप्लव ठाकुर ने कहा है कि संगठन के बिना कांग्रेस की हालत ‘डेडवुड’ यानी बेजान हो चुकी है। उन्होंने कहा, “कहने को तो कांग्रेस है, लेकिन इसकी शाखाएं सूख चुकी हैं।” वहीं, छह बार विधायक और पूर्व मंत्री आशा कुमारी ने भी हाईकमान पर नाराजगी जताई है। उनका सवाल है, “प्रदेश में संगठन कहां रह गया है?”

इस देरी का सीधा असर पार्टी की जमीनी हकीकत पर पड़ रहा है। आने वाले पंचायत और नगर निकाय चुनावों को लेकर कार्यकर्ता चिंतित हैं। संगठन न होने की वजह से पार्टी की सभी गतिविधियां ठप पड़ी हैं, कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है और मुख्यालय राजीव भवन में सन्नाटा पसरा है।

हाईकमान द्वारा भेजे गए कार्यक्रम और अभियान जमीन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद, सरकार और संगठन के बीच तालमेल की कमी है, जिससे नीतियों को जमीनी समर्थन नहीं मिल पा रहा।

पूर्व मंत्री ठाकुर रामलाल समेत कई बड़े नेताओं ने जल्द संगठन बनाने की मांग की है। मुख्यमंत्री सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी इस मामले में हाईकमान से गुजारिश कर चुके हैं।

गौरतलब है कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पिछले साल नवंबर में पुराने संगठन को भंग किया था। तब से लेकर अब तक कई ऑब्जर्वर भेजे गए, कई नेताओं से फीडबैक लिया गया और राहुल गांधी तक ने इस मुद्दे पर बैठक की, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। इसी वजह से प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं में हाईकमान के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है।

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