मोहाली की एक अदालत ने गुजरात की जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और उनके तीन सहयोगियों को हथियार अधिनियम (Arms Act) के एक पुराने मामले में बरी कर दिया है। यह मामला तीन साल पुराना है।
हालांकि, अदालत ने एक अन्य आरोपी सोनू को दोषी ठहराया है और उसे तीन साल की जेल की सजा के साथ 500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
लॉरेंस के वकील करण सौफत ने बताया कि सोहाना पुलिस स्टेशन में वर्ष 2022 में लॉरेंस, असीम उर्फ हशम बाबा, दीपक, विक्रम सिंह उर्फ विक्की और सोनू के खिलाफ हथियार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।
लेकिन, अभियोजन पक्ष लॉरेंस, असीम, दीपक और विक्रम के खिलाफ आरोप साबित करने में नाकाम रहा, जिसके चलते अदालत ने उन्हें बरी कर दिया। सिर्फ सोनू को ही हथियार अधिनियम की धारा 25 के तहत दोषी पाया गया।
वकील ने आगे कहा कि जांच अधिकारी अदालत में अपनी गवाही पूरी नहीं कर पाए, जिस वजह से उनका आंशिक बयान सबूत के तौर पर नहीं लिया गया। हालांकि, बाद में अभियोजन पक्ष ने बरामदगी के गवाहों में से एक एसआई दीपक सिंह से पूछताछ की, जिन्होंने पुष्टि की थी कि सोनू से हथियार और कारतूस बरामद किए गए थे।