US-India Relations: Indian-American Killed in Pittsburgh Shooting

US-India Relations: Indian-American Killed in Pittsburgh Shooting

अमेरिका के पिट्सबर्ग में एक भारतीय मूल के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 50 वर्षीय राकेश एहागाबन एक मोटल के मालिक थे। यह घटना शुक्रवार दोपहर की है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोटल के पार्किंग लॉट में पहले दो लोगों के बीच विवाद हुआ। इस हंगामे को सुनकर राकेश बाहर आए। पुलिस का कहना है कि वह दोनों के बीच झगड़ा सुलझाने की कोशिश कर रहे थे, तभी 37 साल के स्टैनली यूजीन वेस्ट ने उनके सिर में गोली मार दी।

बताया जा रहा है कि जब वेस्ट का झगड़ा हुआ था, तब राकेश उसके पास गए और पूछा, “क्या तुम ठीक हो, दोस्त?” इसके तुरंत बाद ही वेस्ट ने उन्हें गोली मार दी। राकेश की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इससे पहले, वेस्ट ने मोटल के बाहर एक महिला को भी गोली मारी थी।

पुलिस ने हमलावर पर हत्या और हत्या का प्रयास जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत में कहा गया है कि हत्या के बाद वेस्ट बेपरवाही से पास खड़ी एक वैन में सवार होकर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने उसका पीछा किया। पीछा करने के दौरान वेस्ट ने पुलिस पर भी गोली चलाई, जिससे एक डिटेक्टिव के पैर में चोट आई। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वेस्ट खुद घायल हो गया। अभी तक इस गोलीबारी के पीछे का कोई स्पष्ट मकसद सामने नहीं आया है।

### इंडोनेशिया: स्कूल इमारत गिरने से 49 बच्चों की मौत

इंडोनेशिया में एक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल की सौ साल पुरानी इमारत गिरने से अब तक 49 बच्चों की मौत हो चुकी है। राहतकर्मियों ने शनिवार और रविवार को मलबे से 35 और शव बरामद किए। अभी भी 14 छात्र लापता हैं।

यह दुर्घटना 29 सितंबर को जावा द्वीप के सिदोआर्जो इलाके में हुई थी। इमारत गिरने के वक्त सैकड़ों छात्र अंदर थे, जिनमें से ज्यादातर 12 से 19 साल की उम्र के थे। केवल एक छात्र ही बिना चोट के बच पाया। 97 छात्रों को हल्की चोटें आईं, जबकि 6 अब भी गंभीर रूप से घायल हैं।

पुलिस का कहना है कि स्कूल की दो मंजिलें बिना अनुमति के बनाई जा रही थीं, जिसकी वजह से ढांचा कमजोर हो गया और पूरी इमारत ढह गई। निर्माण विशेषज्ञों ने बताया कि कंक्रीट डालते समय मानकों का पालन नहीं किया गया था और निर्माण कार्य चलने के दौरान छात्रों को इमारत में नहीं होना चाहिए था। जिला प्रमुख ने भी पुष्टि की कि स्कूल प्रशासन के पास निर्माण की कोई अनुमति नहीं थी।

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