ब्रिटिश रक्षा थिंक टैंक RUSI की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ताइवान पर हवाई हमले की चीन की योजना में उसकी मदद कर रहा है। रूस चीनी पैरा ट्रूप्स को प्रशिक्षण दे रहा है और उन्हें टैंक व हथियार भी सप्लाई कर रहा है।
यह जानकारी 800 पन्नों के उन गुप्त दस्तावेजों से सामने आई है, जिनके अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना पीएलए को 2027 तक ताइवान पर हमला करने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस और चीन के बीच 2023 में इसको लेकर एक समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत रूस चीन के पैराट्रूपर्स को अपने यहां सिम्युलेटर और ट्रेनिंग उपकरणों के जरिए प्रशिक्षण देगा। इसके बाद चीन में संयुक्त प्रशिक्षण का दूसरा चरण होगा, जहां रूसी सेना उन्हें लैंडिंग, फायर कंट्रोल और मूवमेंट की ट्रेनिंग देगी।
रूस चीन को कई हथियार भी सप्लाई कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:
– 37 BMD-4M लाइट टैंक
– 11 स्प्रूट-एसडीएम1 एंटी टैंक गन, जो पानी में भी चल सकती हैं
– 11 बीटीआर-एमडीएम ‘रकुश्का’ एयरबोर्न आर्मर्ड वाहन
रिपोर्ट में चीन की रणनीति के बारे में बताया गया है कि वह ताइवान के एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर कब्जा करने की योजना बना रहा है, ताकि बाकी सेना के लिए रास्ता साफ किया जा सके।
वहीं, अमेरिका ने भी इस मामले पर चिंता जताई है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा है कि चीन हमले की रिहर्सल कर रहा है और यह दुनिया के लिए एक ‘वेक-अप कॉल’ है। उन्होंने चीन पर साइबर हमले, पड़ोसी देशों को डराने और दक्षिण चीन सागर में जमीन पर कब्जा करने के आरोप भी लगाए।
इस पूरे मामले का असर दुनिया पर भी पड़ सकता है क्योंकि दक्षिण चीन सागर से वैश्विक समुद्री व्यापार का 60% से अधिक हिस्सा गुजरता है। इस इलाके में कोई भी संघर्ष पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।