नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का नया चेक क्लियरेंस सिस्टम आज यानी 4 अक्टूबर से लागू हो गया है। इस नए सिस्टम की मदद से अब चेक जमा करने के कुछ ही घंटों बाद पैसा आपके खाते में आ जाएगा, जबकि पहले इसमें दो दिन तक का वक्त लगता था।
इस नए सिस्टम को ‘कंटीन्युअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट’ नाम दिया गया है। इसमें बैंक चेक को स्कैन करके उसे प्रेजेंट करेंगे और फिर कुछ ही घंटों में उसे क्लियर कर दिया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया बैंक के कामकाजी घंटों के दौरान ही पूरी हो जाएगी।
कई निजी बैंकों जैसे HDFC और ICICI ने अपने ग्राहकों से अपने खाते में पर्याप्त बैलेंस रखने की सलाह दी है, ताकि चेक बाउंस न हो। साथ ही, चेक पर सारी जानकारी सही तरीके से भरने को कहा गया है, नहीं तो चेक के रिजेक्ट होने या फिर देरी होने की आशंका है।
50,000 रुपये से ज्यादा के चेक के लिए, बैंकों ने पॉजिटिव पे सिस्टम का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके तहत चेक जमा करने से कम से कम 24 घंटे पहले बैंक को अपना अकाउंट नंबर, चेक नंबर, तारीख, रकम और भुगतान प्राप्तकर्ता का नाम देना होगा। अगर सारी जानकारी सही मिलती है, तो चेक तुरंत क्लियर हो जाएगा, वरना उसे रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
सवाल-जवाब में समझें नया सिस्टम:
सवाल: क्या चेक का पैसा उसी दिन मिल जाएगा?
जवाब: हां, ज्यादातर मामलों में ऐसा ही होगा। अगर आप सुबह चेक जमा करते हैं, तो दोपहर या शाम तक पैसा खाते में आ सकता है।
सवाल: नया सिस्टम कैसे काम करेगा?
जवाब: अगर आप सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच चेक जमा करते हैं, तो उसे तुरंत स्कैन करके क्लियरिंग के लिए भेज दिया जाएगा। जिस बैंक को पैसे देने हैं, उसे शाम 7 बजे तक कन्फर्म करना होगा। अगर वह जवाब नहीं देता, तो चेक अपने आप अप्रूव हो जाएगा।
सवाल: क्या यह सिस्टम पूरे देश में लागू होगा?
जवाब: जी हां, RBI के तीन ग्रिड्स- दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के तहत देश के सभी बैंक शाखाओं पर यह नियम लागू होंगे।
सवाल: RBI इसे किन चरणों में लागू कर रहा है?
जवाब: पहले चरण (4 अक्टूबर 2025 से 2 जनवरी 2026) में बैंकों को शाम 7 बजे तक चेक कन्फर्म करना होगा। दूसरे चरण (3 जनवरी 2026 से) में बैंकों को सिर्फ 3 घंटे के भीतर जवाब देना होगा।
सवाल: क्या इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क देना होगा?
जवाब: अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। RBI का मकसद सिर्फ प्रक्रिया को तेज और आसान बनाना है।
इस कदम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ चेक के इस्तेमाल में भी भरोसा बढ़ेगा और बैंकिंग प्रणाली और मजबूत होगी।