आरबीआई तैयारी में: EMI नहीं भरने पर आपका फोन या टीवी हो सकता है लॉक, जानिए कैसे और क्यों?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक ऐसी नई व्यवस्था पर विचार कर रहा है जिसके तहत अगर आपने किस्त (EMI) नहीं चुकाई तो बैंक या फाइनेंस कंपनी आपके फोन, टीवी या वॉशिंग मशीन जैसे उत्पाद को रिमोट से लॉक कर सकेगी। इसका मकसद छोटे कर्जों की वसूली को आसान बनाना है।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
इस नियम के तहत, EMI पर मिलने वाले प्रोडक्ट्स जैसे मोबाइल या स्मार्ट टीवी में पहले से ही एक सॉफ्टवेयर या ऐप इंस्टॉल किया जाएगा। अगर ग्राहक समय पर किस्त नहीं भरता है, तो बैंक उस डिवाइस को दूर से ही लॉक कर देगा और आप उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
क्या आपके डेटा पर मंडराएगा खतरा?
आरबीआई इस बात पर जोर दे रहा है कि ग्राहक की सहमति जरूरी होगी और डिवाइस लॉक होने पर भी उसका निजी डेटा सुरक्षित रहेगा। हालाँकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि बैंकों को लाखों लोगों के डेटा तक पहुंच मिलने से उनके लीक होने या गलत इस्तेमाल का खतरा बढ़ सकता है।
किन-किन चीजों पर लागू होगा यह नियम?
यह सिस्टम मुख्य रूप से डिजिटल और स्मार्ट डिवाइसेज जैसे मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी में आसानी से लागू किया जा सकता है। कार और बाइक जैसे वाहनों में भी ऐसी तकनीक पहले से मौजूद है। लेकिन, गैर-डिजिटल चीजों जैसे फर्नीचर पर यह नियम काम नहीं करेगा।
दुनिया के अन्य देशों में क्या हाल है?
अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में कार लोन के लिए ‘किल स्विच’ तकनीक का इस्तेमाल होता है, जिससे EMI न चुकाने पर कार स्टार्ट नहीं होती। अफ्रीका के कई देशों में सोलर सिस्टम के साथ भी ‘पे-एज-यू-गो’ मॉडल चलता है, जहां भुगतान न करने पर सिस्टम बंद कर दिया जाता है।
फायदा और नुकसान
- फायदा: बैंकों को कर्ज डूबने (डिफॉल्ट) का खतरा कम होगा, जिससे कमजोर क्रेडिट स्कोर वालों को भी लोन मिलने की संभावना बढ़ेगी।
- नुकसान: जरूरी चीजें जैसे फोन या कार बंद होने से लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी, नौकरी और पढ़ाई पर बुरा असर पड़ सकता है।
भारत में क्यों है जरूरत?
देश में छोटे कर्ज लेने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। एक स्टडी के मुताबिक, एक-तिहाई से ज्यादा लोग मोबाइल फोन जैसी इलेक्ट्रॉनिक चीजें EMI पर खरीदते हैं। इन छोटे लोन पर डिफॉल्ट की दर भी सबसे ज्यादा है। आरबीआई की यह नई कोशिश इस समस्या से निपटने के लिए है।