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Mediterranean Diet: A Complete Guide to Oral Health and Nutrition

Mediterranean Diet: A Complete Guide to Oral Health and Nutrition

मेडिटेरेनियन डाइट से मिलेगा मसूड़ों और दांतों को फायदा, जानिए कैसे?

हम अक्सर दांतों की सफाई का तो ख्याल रखते हैं, लेकिन फिर भी कभी-कभी मसूड़ों में सूजन या दांतों में दर्द जैसी समस्याएं हो ही जाती हैं। एक नई स्टडी के मुताबिक, केवल सफाई ही नहीं, बल्कि हमारा खानपान भी मुंह की सेहत को बनाए रखने में बहुत अहम भूमिका निभाता है।

‘जर्नल ऑफ पीरियोडोंटोलॉजी’ में छपी इस स्टडी से पता चला है कि मेडिटेरेनियन डाइट मसूड़ों की सेहत को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। यह डाइट मुख्य रूप से पौधों पर आधारित चीजें और हेल्दी फैट्स लेने पर जोर देती है।

यह बात ध्यान रखनी जरूरी है कि मुंह की सेहत हमारे पूरे स्वास्थ्य का एक अहम हिस्सा है। इसका सीधा असर डायबिटीज, हार्ट डिजीज और यहां तक कि स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे से भी जुड़ा होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में लगभग 3.7 अरब लोग मुंह की बीमारियों से परेशान हैं, जिसकी एक बड़ी वजह खराब खानपान और सफाई की कमी है।

तो चलिए, आज जानते हैं कि मेडिटेरेनियन डाइट आखिर क्या है और यह हमारे मुंह की सेहत के लिए कैसे फायदेमंद साबित होती है।

मेडिटेरेनियन डाइट क्या है?

मेडिटेरेनियन डाइट ग्रीस, इटली और स्पेन जैसे भूमध्यसागरीय देशों की पारंपरिक खाने की आदतों से प्रेरित है। इसमें ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, नट्स और बीजों जैसी चीजें शामिल होती हैं। प्रोसेस्ड खाना, रिफाइंड अनाज और अतिरिक्त चीनी से बचने की सलाह दी जाती है। यह डाइट न सिर्फ मुंह की सेहत, बल्कि दिल की बीमारी, डायबिटीज और कैंसर जैसे खतरों को भी कम करने में मदद करती है।

मुंह की सेहत के लिए क्यों है फायदेमंद?

यह डाइट एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन्स से भरपूर होती है। ये सभी चीजें मसूड़ों के टिशू को मजबूत बनाती हैं और हानिकारक बैक्टीरिया की बढ़त को रोकती हैं। जैसे, विटामिन सी वाले फल और सब्जियां मसूड़ों की सूजन कम करते हैं, तो ओमेगा-3 फैट्स सूजन को नियंत्रित करते हैं।

इसके उलट, अतिरिक्त चीनी और प्रोसेस्ड खाना दांतों की ऊपरी परत (इनेमल) को नुकसान पहुंचाता है और मसूड़ों की समस्याएं बढ़ाता है।

किन लोगों को यह डाइट अपनानी चाहिए?

यह डाइट तो हर किसी के लिए फायदेमंद है, लेकिन खासतौर पर उन लोगों को इसे अपनाना चाहिए जिनके मसूड़ों से खून आता हो, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो, या जो बार-बार इन्फेक्शन की चपेट में आते हों। डायबिटीज और दिल के मरीजों को भी मुंह के इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए उनके लिए भी यह डाइट फायदेमंद रहेगी।

किन चीजों से करें परहेज?

कुछ चीजें दांतों के लिए स्पष्ट रूप से नुकसानदायक होती हैं, जैसे:

  • प्रोसेस्ड फूड: ये दांतों और मसूड़ों के बीच फंसकर बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं।
  • कार्बोनेटेड ड्रिंक्स: इनमें चीनी और एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो इनेमल को तेजी से नुकसान पहुंचाती है।
  • कैंडी और सूखे मेवे: खट्टी कैंडी एसिडिक होती हैं और सूखे मेवे दांतों से चिपककर सड़न पैदा कर सकते हैं।
  • बर्फ चबाना: इससे दांतों में दरार पड़ सकती है या इनेमल टूट सकता है।

ध्यान रखने वाली बातें

मुंह की बेहतर सेहत के लिए सिर्फ डाइट ही नहीं, कुछ अच्छी आदतों को भी अपनाना जरूरी है:

  • दिन में दो बार ब्रश करें और रोजाना फ्लॉसिंग करें।
  • जीभ की सफाई न भूलें।
  • एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश का इस्तेमाल करें।
  • धूम्रपान और तंबाकू से दूर रहें।
  • मीठा खाने के बाद कुल्ला जरूर करें।
  • पानी खूब पिएं और नियमित रूप से डेंटल चेकअप करवाएं।

मेडिटेरेनियन डाइट को अपनाकर और ओरल हाइजीन की अच्छी आदतों के साथ आप अपने दांतों और मसूड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।

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