राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज जयंती है। उनका सादा जीवन और उच्च विचार हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। बापू अपनी सेहत को लेकर काफी सचेत थे। उनकी डाइट और लाइफस्टाइल आज के दौर में भी सेहतमंद रहने का एक बेहतरीन फॉर्मूला साबित हो सकती है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहाँ फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड सेहत बिगाड़ रहे हैं, वहीं गांधीजी का डाइट प्लान एक हेल्दी विकल्प पेश करता है। इससे वजन कंट्रोल रहता है, पाचन तंत्र बेहतर होता है और रोगों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है।
गांधीजी की डाइट की खास बातें:
- वे शाकाहारी थे और उनकी डाइट बेहद सादी थी।
- वे कच्चे फल, सब्जियाँ, ड्राईफ्रूट्स, दूध और दही को प्राथमिकता देते थे।
- चीनी की जगह वे गुड़ या शहद का इस्तेमाल करते थे।
- वे सप्ताह में एक दिन व्रत रखते थे और उस दिन सिर्फ फलाहार या तरल पदार्थ लेते थे।
- उनका मानना था कि भूख से थोड़ा कम खाना चाहिए, खाना अच्छी तरह चबाना चाहिए और सूर्यास्त से पहले रात का खाना खा लेना चाहिए।
इस डाइट के फायदे:
- शरीर डिटॉक्स होता है और वजन नियंत्रित रहता है।
- इम्यूनिटी मजबूत होती है।
- पाचन शक्ति बेहतर होती है।
- मानसिक स्पष्टता बढ़ती है।
- मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।
ध्यान रखने वाली बातें:
- अगर आपको डायबिटीज या थायराइड जैसी कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो इस डाइट को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- शुरुआत धीरे-धीरे करें। पहले एक समय के खाने में फल शामिल करें।
- फास्टिंग की शुरुआत 12-16 घंटे से करें।
- शुरू में थकान या चिड़चिड़ापन हो सकता है, लेकिन कुछ हफ्तों में शरीर एडजस्ट हो जाता है।
गांधीजी की डाइट न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि मानसिक शांति के लिए भी फायदेमंद है। उनकी इस सीख को अपनाकर हम आज के समय में भी एक स्वस्थ और तनावमुक्त जीवन जी सकते हैं।