INS अंद्रोथ: भारत की स्वदेशी नौसैनिक शक्ति का नया आयाम

INS अंद्रोथ: भारत की स्वदेशी नौसैनिक शक्ति का नया आयाम

भारतीय नौसेना की ताकत में एक और बढ़ोतरी होने जा रही है। सोमवार को नौसेना अपना दूसरा पनडुब्बी रोधी उथले पानी का जहाज (ASW-SWC) ‘आईएनएस अंद्रोथ’ को अपने बेड़े में शामिल करेगी। यह समारोह विशाखापट्टनम के नौसैनिक डॉकयार्ड में आयोजित किया जाएगा।

इस जहाज का निर्माण कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने किया है और खास बात यह है कि इसमें 80% से भी ज्यादा स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल हुआ है। ‘अंद्रोथ’ नाम लक्षद्वीप के सबसे बड़े और खूबसूरत द्वीप के नाम पर रखा गया है। इसके शामिल होने से भारतीय नौसेना की पनडुब्बियों से निपटने की क्षमता और मजबूत होगी, खासकर तटीय इलाकों में।

यह जहाज ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। हाल ही में नौसेना में कई नए जहाज शामिल किए गए हैं, जैसे अर्नाला, निस्तार, उदयगिरि और नीलगिरि। इनमें से ज्यादातर का डिजाइन और निर्माण भारत में ही हुआ है।

नौसेना की बढ़ती ताकत पर एक नजर:

  • 26 अगस्त: INS उदयगिरि और INS हिमगिरि जैसे दो युद्धपोत नौसेना में शामिल हुए, जो ब्रह्मोस मिसाइल जैसे उन्नत हथियारों से लैस हैं।
  • 18 जुलाई: देश के पहले स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट जहाज INS निस्तार को कमीशन किया गया।
  • 1 जुलाई: रूस से भारत को मिला स्टील्थ फ्रिगेट INS तमाल।
  • 18 जून: पहले पनडुब्बी रोधी उथले पानी के जहाज INS अर्णाला को शामिल किया गया।

भारतीय नौसेना currently दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है, जिसके पास विमानवाहक पोत, पनडुब्बियां, विध्वंसक और फ्रिगेट जैसे जहाजों का विशाल बेड़ा है। नौसेना का लक्ष्य 2035 तक 175 जहाजों का बेड़ा तैयार करना है।

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