हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नरमेध शुरू कर दिया है। लंदन से लौटने के बाद मंगलवार को शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आपदा से निपटने के लिए 1500 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा जरूर की थी, लेकिन अब तक इस राशि का कोई पता नहीं है।
सीएम ने कहा कि जब प्रदेश आपदा से जूझ रहा था और लोग बुरी तरह प्रभावित थे, उस वक्त अगर राहत नहीं मिलती और दो साल बाद मिले तो उसका कोई फायदा नहीं होगा। बता दें कि पीएम मोदी पिछले 9 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के दौरे पर आए थे और उन्होंने यह आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इस बजट को कैसे और किस रूप में जारी किया जाएगा, इसकी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार आपदा प्रभावितों की हर संभव मदद करेगी। जिनके घर पूरी तरह टूट गए हैं, उन्हें नया घर बनाने के लिए सात लाख रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह जिनका सामान, पशु, खेत, बगीचे या दुकानें बह गई हैं, उन्हें भी पूरी सहायता दी जाएगी।
कांगड़ा सहकारी बैंक (KCC) में हुई गड़बड़ी पर सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने OTS (वन टाइम सेटलमेंट) नहीं मांगी थी, यह RBI की मंजूरी से होती है। उन्होंने बताया कि पिछले 7-8 सालों से बैंक में चल रही गड़बड़ियों को देखते हुए पूरे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (BOD) को भंग किया गया है और अब ED इसकी जांच कर रही है। सच्चाई जल्द ही सामने आएगी।
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल के विदेश दौरे पर हुई बहस पर सीएम नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी भी मंत्री के दौरे को मुख्यमंत्री ही तय करते हैं और जब उन्होंने इस दौरे को मंजूरी ही नहीं दी है, तो इसे लेकर बवाल मचाना गलत है।
अपने लंदन दौरे पर उठ रहे सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक पिता के नाते अपनी बेटी के एडमिशन के लिए गए थे, जिसका चयन उसकी योग्यता के आधार पर हुआ था। इस दौरे में उन्होंने सरकारी खजाने से एक भी पैसा खर्च नहीं किया और लंदन से भी वह रोजाना चीफ सेक्रेटरी और मंत्रियों से बात करते रहे। उन्होंने विपक्ष की BJP को ऐसे मामलों में राजनीति न करने की सलाह भी दी।