Haryana CM’s Japan Visit to Strengthen Economic and Cultural Partnerships

Haryana CM’s Japan Visit to Strengthen Economic and Cultural Partnerships

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह जापान की अपनी महत्वपूर्ण यात्रा पर हैं। जापान पहुंचते ही उन्होंने वहां के विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री मियाजी ताकुमा के साथ उच्चस्तरीय बैठक की।

इस बैठक में मुख्यमंत्री ने जापान को ‘हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2026’ में भागीदार देश बनने का औपचारिक निमंत्रण दिया, जिसे जापानी पक्ष ने सकारात्मक रुचि के साथ स्वीकार किया। इस यात्रा से गुरुग्राम को विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री का यह दौरा जापान की प्रमुख कंपनियों, खासतौर पर ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों जैसे टोयोटा, होंडा और पैनासोनिक जैसी कंपनियों और उनकी आपूर्ति श्रृंखला के साथ संवाद बनाने पर केंद्रित है। गुरुग्राम में पहले से ही कई जापानी कंपनियों की मजबूत मौजूदगी है और इस यात्रा से इन संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा हरियाणा के लिए नए निवेश के द्वार खोलेगी। उन्होंने कहा कि वे जापान के प्रमुख उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं और हितधारकों से मुलाकात करेंगे ताकि हरियाणा में निवेश और सहयोग के नए अवसर पैदा हो सकें। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह दौरा दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद साबित होगा और हरियाणा-जापान साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने बताया कि इस यात्रा के दौरान कई उच्चस्तरीय बैठकों और सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें हरियाणा सरकार जापानी निवेशकों को ‘हैपनिंग हरियाणा’ पहल के तहत मौजूद अवसरों से रूबरू कराएगी। यह पहल हरियाणा को एक वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम है। साथ ही, दोनों क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

जापान के साथ हरियाणा का सहयोग पहले से ही ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में मजबूत रहा है। मारुति सुजुकी जैसे जापानी ब्रांड्स की गुरुग्राम में मौजूदगी इसका एक बड़ा उदाहरण है। इस यात्रा से न केवल आर्थिक रिश्तों को बल मिलने की उम्मीद है, बल्कि तकनीकी नवाचार और सतत विकास के क्षेत्र में भी नई संभावनाएं खुलेंगी।

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